2 Nov 2019

HAPPY BIRTHDAY शाहरुख खान





छोटे पर्दे से अपने करियर की शुरूआत करके बॉलीवुड में किंग खान के रूप में पहचान बनाने वाले अभिनेता शाहरुख खान आज भी सिने प्रेमियों के दिलों पर राज करते है। 

फिल्म इंडस्ट्री में किंग खान के नाम से मशहूर शाहरुख खान का जन्म 2 नवंबर 1965 को दिल्ली में हुआ। उनके पिता ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े हुये थे। अभिनय से जुड़ने और संचार की विभिन्न विधाओं को नजदीक से समझने के लिए उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि ग्रहण की।



वर्ष 1988 में शाहरुख ने बतौर अभिनेता छोटे पर्दे के धारावाहिक 'फौजी' से अपने करियर की शुरूआत की। वर्ष 1991 में अपने सपनों को साकार करने के लिये वह मुंबई आ गये। अजीज मिर्जा ने उनकी प्रतिभा को पहचान कर उन्हें अपने धारावाहिक सर्कस में काम करने का मौका दे दिया। 


उन्हीं दिनों हेमा मालिनी को अपनी फिल्म दिल आशना है के लिये दिव्या भारती के अपोजिट नये चेहरे की तलाश थी। शाहरुख खान को जब इस बात का पता चला तो वह अपने दोस्तों की मदद से इस फिल्म के लिये स्क्रीन टेस्ट देने के लिये गये और चुन लिये गये। 



इस बीच शाहरुख को फिल्म 'दीवाना' में काम करने का अवसर मिला। ऋषि कपूर जैसे मंझे हुये अभिनेता की मौजदूगी में भी शाहरुख ने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को अपना दीवाना बना लिया जिसके लिये उन्हें फिल्म फेयर की ओर से पुरस्कार भी मिला। 



वर्ष 1993 में प्रदर्शित फिल्म 'बाजीगर' शाहरुख की सुपरहिट फिल्म साबित हुयी और वह काफी हद तक इंडस्ट्री में पहचान बनाने में कामयाब हो गये। वर्ष 1993 में ही उनको यश चोपड़ा की डर में काम करने का अवसर मिला। इस फिल्म में उनके बोलने की शैली ..क.क.क.. किरण की सभी नकल करने लगे। 



वर्ष 1995 में उनको यश चोपड़ा की ही फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे में काम करने का अवसर मिला जो उनके सिने करियर के लिये मील का पत्थर साबित हुयी। शाहरुख खान के संजीदा अभिनय से फिल्म सुपरहिट साबित हुयी। 


वर्ष 1999 में शाहरुख खान ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया और अभिनेत्री जूही चावला के साथ मिलकर 'ड्रीम्स अनलिमिटेड' बैनर की स्थापना की। इस बैनर के तहत सबसे पहले शाहरुख खान ने 'फिर भी दिल है हिंदुस्तानी' का निर्माण किया। दुर्भाग्य से अच्छी पटकथा और अभिनय के बाद भी फिल्म टिकट खिड़की पर असफल रही।


वर्ष 2004 में शाहरुख खान ने रेडचिली इंटरटेनमेंट कंपनी का भी निर्माण किया और उसके बैनर तले मैं हूं ना का निर्माण किया जो टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुयी। इसके बाद इसी बैनर तले उन्होंने पहेली, काल, ओम शांति ओम, बिल्लू बार्बर, चेन्नई एक्सप्रेस, हैप्पी न्यू ईयर और दिलवाले जैसी कई फिल्मों का भी निर्माण किया। 



वर्ष 2007 शाहरुख खान के करियर का महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ जब लंदन के सप्रसिद्ध म्यूजियम मैडम तुसाद में उनकी मोम की प्रतिमा लगायी गयी। उसी साल उन्होंने एक बार फिर छोटे पर्दे की ओर रुख किया और स्टार प्लस के सुप्रसिद्ध शो कौन बनेगा करोड़पति' के तीसरे सीजन में होस्ट की भूमिका निभाकर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। 


शाहरुख खान अपने सिने करियर में 8 बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से नवाजे जा चुके है। उन्हें सिने करियर में उनकी जोड़ी अभिनेत्री काजोल के साथ खूब जमी। अपनी मेहनत और लगन के बलबूते शाहरुख अन्य अभिनेताओं से काफी दूर निकल चुके हैं और आज किसी फिल्म में उनका होना ही सफलता की गारंटी माना जाता है। 

Source - Hindustan Times 

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