फिल्म 'गुंजन सक्सेना: द करगिल गर्ल' के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहे केस में करण जोहर के धर्मा प्रोडक्शन की मुश्किल बढ़ गई है। फिल्म में एयरफोर्स की गलत छवि दिखाने का आरोप है। अब रिटायर्ड फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना ने हाईकोर्ट में दायर हलफनामे में कहा है कि एयरफोर्स में जेंडर के आधार पर उनसे कोई भेदभाव नहीं हुआ था। यह फिल्म उनकी जिन्दगी पर ही बनी है।
'भारतीय वायुसेना ने मुझे सेवा का मौका दिया, हाईकोर्ट में जस्टिस राजीव शकधर की सिंगल बैंच के सामने दायर हलफनामे में गुंजन ने लिखा है कि वे इस बात में यकीन रखती हैं कि भारतीय वायुसेना बहुत ही प्रगतिशील संस्थान है। वे हमेशा इस बात के लिए आभारी रहेंगी कि वायुसेना ने उन्हें देश की सेवा करने का मौका दिया।
केंद्र सरकार ने लगाई थी याचिका, फिल्म के खिलाफ केंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इसमें आरोप था कि फिल्म भारतीय वायुसेना की छवि को धूमिल करती है। इसमें दिखाया गया है कि सेना में जेंडर के आधार पर भेदभाव होता है, जो कि सही नहीं है। फिल्म 12 अगस्त को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई थी। केंद्र सरकार की ओर से इस फिल्म को थिएटर में रिलीज करने से रोकने की मांग की गई थी।
SOURCE - दैनिक भास्कर