भारत में क्रिकेट को धर्म की तरह पूजा जाता है लेकिन ये बॉलीवुड में कुछ समय पहले तक एक बेहद रिस्की सब्जेक्ट ही समझा जाता रहा है. कुछ चुनिंदा फिल्मों को अगर छोड़ दिया जाए तो क्रिकेट से जुड़ी फिल्में अक्सर नाकाम रही हैं लेकिन मौजूदा दौर में ये ट्रेंड बदलता हुआ दिखाई दे रहा है.
साल 1984 में कुमार गौरव की भुला देने वाली फिल्म ऑलराउंडर के बाद देव आनंद ने 1990 में एक फिल्म को डायरेक्ट किया था. इस फिल्म में वे आमिर खान और आदित्य पंचोली जैसे सितारों के साथ काम करते हुए भी नजर आए थे, इस फिल्म में एक स्टार बैट्समैन को एक यंग टैलेंटेड बैट्सैमन से चुनौतियों का सामना करना पड़ा था. आदित्य पंचोली ने स्टार बैट्समैन वही आमिर ने यंग बैट्समैन का किरदार निभाया था. ये फिल्म फ्लॉप साबित हुई थी लेकिन इस फिल्म ने कहीं ना कहीं क्रिकेट फिल्मों के लिए एक बेंचमार्क सेट किया था.
2001 में आमिर खान ने ही एक और क्रिकेट फिल्म में काम किया था लेकिन अव्वल नं 1 से इतर आमिर ने इस फिल्म के सहारे कई तरह की चुनौतियों का सामना करने के बाद एक करिश्माई सिनेमैटिक अनुभव लोगों को देने में कामयाब रहे थे. लगान ऑस्कर का सफर तय करने में कामयाब रही थी. हालांकि, फिल्म की शूटिंग की परिस्थितियां इतनी मुश्किल थी कि कई कमर्शियल फिल्ममेकर्स ने इस सब्जेक्ट से दूरी ही बनाए रखी.
इसके चार साल बाद नागेश कुकनूर द्वारा निर्देशित फिल्म इकबाल रिलीज हुई थी. इस फिल्म में एक दिव्यांग टैलेंटेड क्रिकेटर की भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल होने की प्रेरित कहानी को दिखाया गया था. नसीरुद्दीन शाह और श्रेयस तलपड़े स्टारर इस फिल्म की क्रिटिक्स ने भी काफी तारीफ की थी. इसके बाद विक्ट्री, हैट्रिक, मीराबाई नॉटआउट, स्टंप्ड, चेन खुली की मेन खुली, दिल बोले हड़प्पा जैसी कई कमर्शियल क्रिकेट बेस्ड कहानियां बॉक्स ऑफिस पर आईं लेकिन खास प्रदर्शन नहीं कर पाई.
एम एस धोनी की बायोपिक साबित हुई टर्निंग प्वाइंट
हालांकि, मैच फिक्सिंग और क्रिकेट की काली दुनिया को उजागर करती इमरान हाशमी की 2008 में आई फिल्म जन्नत इन फिल्मों के बीच सफलता हासिल करने में कामयाब रही थी. अक्षय कुमार ने भी साल 2011 में फिल्म पटियाला हाउस में एक क्रिकेटर का रोल निभाया था. ये फिल्म इंग्लैंड में सिख क्रिकेटर मोंटी पनेसर की लाइफ से प्रेरित मानी जाती है. इस फिल्म ने भी बॉक्स ऑफिस पर खास कमाई नहीं की थी. हालांकि, इसके कुछ सालों बाद 2016 में एम एस धोनी की बायोपिक क्रिकेट बेस्ड जॉनर के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ.
एम एस धोनी जैसे पॉपुलर क्रिकेटर और सुशांत सिंह राजपूत जैसे एनर्जेटिक एक्टर के कॉम्बिनेशन ने बॉक्स ऑफिस पर कमाल किया था और ये फिल्म सुशांत के करियर की पहली फिल्म थी जिसके सहारे वे 100 करोड़ के क्लब में शामिल हुए थे. बॉलीवुड में यूं भी पिछले कुछ समय से बायोपिक का ट्रेंड चलन में है. ऐसे में क्रिकेटर्स की बायोपिक के कॉन्सेप्ट पर फिल्ममेकर्स फोकस करने लगे हैं.
यही कारण है कि इस फिल्म के बाद उसी साल भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन की बायोपिक अजहर भी रिलीज हुई थी और तापसी पन्नू मिताली राज की बायोपिक में काम कर रही हैं, अनुष्का शर्मा झूलन गोस्वामी की बायोपिक कर रही हैं और रणवीर सिंह कपिल देव की बायोपिक कर रहे हैं, वही शाहिद कपूर की फिल्म जर्सी भी क्रिकेट पर आधारित है. रणवीर सिंह स्टारर 83 को इस साल की सबसे बहुप्रतीक्षित फिल्म भी माना जा रहा है. माना जा रहा है कि अगर ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई करने में कामयाब रहती है तो बॉलीवुड में क्रिकेट पर आधारित फिल्मों का ट्रेंड जोर पकड़ सकता है.
Source - Aaj Tak