8 Nov 2019

बिना म्यूजिक स्कूल 25 भाषाओं में गाए गाने, ऐसी रही ऊषा उत्थुप की जिंदगी



क्वीन ऑफ पॉप के नाम से प्रसिद्ध ऊषा उत्थुप आज अपना 72वां जन्मदिन मना रही हैं. वे पिछले कई सालों से अपनी आवाज के सहारे दर्शकों का मनोरंजन कर रही हैं और 8 विदेशी और 17 भारतीय भाषाओं में गाना गा चुकी हैं.



8 नवंबर 1947 को मुंबई में जन्मी ऊषा एक तमिल ब्राह्राण परिवार से ताल्लुक रखती हैं. वे बचपन से ही म्यूजिक के प्रति आकर्षित थीं लेकिन अपनी यूनिक आवाज के चलते वे रेगुलर म्यूजिक क्लासेस के लिए अनफिट थीं. हालांकि, इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और वे बिना प्रशिक्षण के भी लगातार स्टेज परफॉर्मेंस देती रहीं.


अपनी यूनिक आवाज के सहारे उन्होंने आर डी बर्मन और बप्पी लहरी जैसे म्यूजिक कंपोजर्स को इंप्रेस किया और कई फिल्मों के लिए गाने गाए. अपनी फ्यूजन तकनीक के चलते वे 70 और 80 के दशक में काफी हिट हुई थीं.


फिल्म हरे रामा हरे कृष्णा में वे एक गाना गाकर काफी लोकप्रिय हुई थीं लेकिन वे जिस गाने को लेकर बेहद उत्साहित थीं वो गाना उन्हें गाने को नहीं मिला था. उन्होंने कपिल शर्मा के शो पर बताया था कि दम मारो दम गाने को दो सिंगर गाने वाले थे. वे इस गाने के लिए आशा भोसले के साथ प्रैक्टिस कर रही थीं. उन्होंने साथ में काफी समय तक इस गाने का रिहर्सल किया.


उन्होंने बताया कि रिकॉर्डिंग के दौरान उन्हें नहीं बुलाया गया. आरडी बर्मन के द्वारा उन्हें बताया गया कि इस गाने को सिर्फ आशा ही गाएंगी. इसके बाद मैं काफी अपसेट हो गई थी. लेकिन इसके बाद उन्हें आशा भोसले के साथ 'हरे रामा हरे कृष्णा' गाना गाने का मौका मिला.


ऊषा ने ये भी बताया था कि कई बार लोग उनके लुक्स और आवाज से डर जाते हैं. उन्होंने कहा, ''लोग मेरी आवाज की वजह से मुझे आदमी समझते हैं. लोग मुझे लेकर जो कुछ भी सोचते हैं उसे लेकर मैं हमेशा मुखर रहीं हूं और इन सब चीजों का साहसी बनकर सामना किया है. उन्होंने आगे बताया कि एक बार एक जर्नलिस्ट ने मुझसे कहा था कि मैं भूत की तरह दिखती हूं.''


उन्होंने इसके अलावा कई इंग्लिश सॉन्ग्स भी गाए थे जिसके चलते उन्हें दुनिया भर में प्रसिद्धि मिली.बीबीसी रेडियो लंदन और केन्या रेडियो चैनल्स भी इनका इंटरव्यू कर चुके हैं.

Source - Aaj Tak 

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