आमिर खान की फिल्म 'तारे जमीं पर' ने हमेशा सिखाया कि हर बच्चा स्पेशल होता है और हर किसी में कोई ना कोई टैलेंट होता है जिसे तलाशने की जरूरत होती है.
आमिर खान,शरमन जोशी और आर.माधवन की फिल्म थ्री इडियट्स हमें सिखाती है कि इंसान को काबिल बनने के लिए मेहनत करनी चाहिए, कामयाबी फिर झक मारके आपके पीछे भागेगी.
ऋतिक रोशन, फरहान अख्तर और अभय देओल की 'जिंदगी ना मिलेगी दोबारा' हमें सिखाती है कि इंसान को डिब्बे में सिर्फ तभी होना चाहिए जब वो मर चुका हो.
विक्रमादित्य मोटवानी की फिल्म उड़ान हमें सिखाती है कि अपने सपनों की उड़ान देने में जितनी मुश्किलें आएं, उनका डटकर मुकाबला करना चाहिए.
शाहरुख खान की स्वदेश हमें सिखाती है कि देश की समस्याओं के बारे में बुराई करना आसान है लेकिन जिम्मेदारी उठाकर उसे बेहतर बनाना कहीं मुश्किल.
आमिर खान की ऐतिहासिक फिल्म लगान का पाठ है कि सच और साहस है जिसके मन में, अंत में जीत उसी की होती है
शाहरुख खान, प्रीति जिंटा और सैफ अली खान की ये फिल्म सिखाती है कि जिंदगी में हंसते मुस्कुराते हुए जीवन बिताना चाहिए क्योंकि क्या पता कल हो ना हो.
रणबीर कपूर और कोंकणा सेन शर्मा की फिल्म वेकअप सिड का फलसफा है कि अपने लक्ष्य पाने की खुशी तभी महसूस होती है जब उसे किसी के साथ शेयर किया जा सके.
Source - Aaj Tak