देखो गुरू इतना तो हम मानकर चल रहे हैं कि आपने ‘सूर्यवंशम’ देखी है. अगर नहीं देखी है, तो मान लीजिए कि आपने नेशनल टीवी पर फिल्में दिखाने वाले एक चैनल की इतने बरसों की मेहनत पर छीछी कर दी है. वही पीले लोगो वाला चैनल, जिस पर ‘सूर्यवंशम’ ऐसे दिखाई जाती है, मानो चैनलवालों ने पिछले जनम में अमिताअच्चन का कोई कर्जा खाया हो.
तो ‘सूर्यवंशम’ में एक से एक कैरेक्टर हैं. ठाकुर भानुप्रताप, जो गांवभर का फैसला करते हैं, लेकिन अपने ही लौंडे पर खौरियाए रहते थे. हीरा ठाकुर, जो कलियुग में श्रवण कुमार के साक्षात अवतार हैं. केवड़ा ठाकुर, जिन्हें ठरकई ठकुरई से ही फुर्सत नहीं है. और एक बच्चा. जिसके दांत चूहे ले जा चुके हैं, जिसके मुंह से दादाजी सुनने के लिए भानुप्रताप अकुलाए रहते हैं और जिसके हाथों भानुप्रताप ने ज़हरीली खीर खाई थी.
यार अगर फिल्म में खीर वाला वो सीक्वेंस न होता, तो बाप-बेटे की कभी दोस्ती ही नहीं होती. पर क्या आप जानते हैं कि ठाकुर भानुप्रताप को वो ज़हरीली खीर खिलाने वाला लड़का अब कहां है और क्या कर रहा है?
आंध्र प्रदेश से आने वाले आनंद ने महज़ 3 साल की उम्र में ही सिल्वर स्क्रीम पर अपनी आमद दर्ज करा दी थी. असल में आनंद के दादा पीबी श्रीनिवास सिंगर थे. उनका नाम दिग्गज सिंगर्स की लिस्ट में रखा जाता है. अपने करियर में उन्होंने 3000 से ज़्यादा गाने गाए. 2013 में 82 साल की उम्र में चेन्नई में उनका देहांत हो गया था. श्रीनिवास खुद चाहते थे कि उनका पोता एक्टर बने. तो दादा की वजह से आनंद के घर में फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का आना-जाना लगा रहता था.
एक बार डायरेक्टर गुणशेखर आनंद के घर आए. गुणशेखर ने आनंद को देखा और उन्हें लगा कि आनंद को कैमरे के सामने लाया जा सकता है. तो गुणशेखर ने आनंद को ‘रामायणम’ नाम की फिल्म में कास्ट कर लिया. इस फिल्म में आनंद से वाल्मीकि और हनुमान के किरदार कराए गए. शुरुआत ‘रामायणम’ से हो गई, लेकिन आनंद चर्चा में आए फिल्म ‘प्रियारागलु’ से. ये डायरेक्टर ए. कोडनदरमी की फिल्म थी, जिसमें जगतपति बाबू और सौंदर्या ने काम किया था.
इस फिल्म में काम के दौरान आनंद की उम्र महज़ 3 साल थी और वो अपनी परफॉर्मेंस से नंदी अवॉर्ड फॉर दि बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट जीतने में कामयाब रहे. इसके बाद उन्हें तेलुगु भाषा की और फिल्मों और ‘सूर्यवंशम’ में काम करने को मिला. बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट, आनंद करीब 25 फिल्मों में काम कर चुके हैं. इसमें सबसे ज़्यादा ‘प्रियारागलु’ और ‘सूर्यवंशम’ को ही याद रखा जाता है. फिर 13-14 साल की उम्र तक आते-आते वो सिल्वर स्क्रीन से गायब हो गए.
आनंद के पिता पीबी पानिंदर पेशे से सीए हैं और इनकी मां का नाम रोहिणी है. बचपन में फिल्मों से दूर होने के बाद आनंद 13 साल तक फिल्मों से दूर ही रहे. फिर इनके बारे में 2016 में खबरें आनी शुरू हुईं कि वो कमबैक करने जा रहे हैं. जुलाई 2016 में साउथ इंडिया के एक टीवी चैनल ने आनंद का इंटरव्यू किया था, जिसमें आनंद ने बताया था कि फिल्ममेकर कासी विश्वनाथ गारू इंडस्ट्री में उनके गॉडफादर हैं.
आनंद ने बताया था कि वो श्रुति हासन के साथ एक फिल्म में काम करने जा रहे हैं और इसकी तैयारी के लिए मार्शल आर्ट, डांस और एक्टिंग सीख रहे हैं. हालांकि, इस फिल्म के बारे में अभी कुछ पता नहीं है. साथ ही, आनंद के साउथ इंडियन डायरेक्टर प्रसन्ना के साथ काम करने की खबरें भी आईं, लेकिन इनकी फिल्म का भी अभी कोई अता-पता नहीं है.
Source - The lallan Top