3 May 2020

अनिल कपूर 62 की उम्र में भी दिखते हैं यंग, ये है एजलेस लुक का राज!



62 साल के अनिल कपूर अपने लुक से यंग जेनरेशन को कड़ी टक्कर देते हैं. उनके चेहरे से उनकी उम्र का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है. अक्सर लोग कहते हैं कि अनिल कपूर अपने बच्चों के पिता नहीं बल्कि उनके भाई लगते हैं. उनके यंग लुक को देखकर हर कोई हैरत में पड़ जाता है. सबके जहन में एक ही बात आती है कि आखिर अनिल कपूर खाते क्या हैं.

आखिरकार अनिल कपूर के सीक्रेट डाइट का राज खुल गया है और यकीन मानिए ये जानकर आप हैरान रह जाएंगे. एक इंटरव्यू में अनिल कपूर ने अपने यंग लुक का पूरा क्रेडिट साउथ इंडियन खाने को दिया था. अब आप सोच रहे होंगे कि यही इडली, डोसा आखिर आप पर क्यों असर नहीं करता?
दरअसल वे कई सालों से लगातार साउथ इंडियन खाना खाते आ रहे हैं. क्या सच में इडली, डोसा खाकर यंग लुक पाया जा सकता है? इस बारे में डायटीशियन कविता देवगन, शालिनी सिंघल और अंकिता गुप्ता ने इंड‍िया टुडे की जर्नलिस्ट निष्ठा ग्रोवर से खास बातचीत में बताया.

शरीर के लिए अच्छा है फर्मेंटेड फूड

कविता देवगन अनिल कपूर के इस लाइफस्टाइल से पूरी तरह सहमत हैं. उनके अनुसार सारा राज फर्मेंटेशन में ही छिपा है. उन्होने बताया कि हर साउथ इंडियन खाने में फर्मेंटेशन होता है जो कि हेल्थ के लिए फायदेमेंद माना जाता है. डायटीशियन के मुताबिक दूसरे फूड आइटम्स के मुकाबले फर्मेंटेड फूड खाने से 3 तरीके के ज्यादा लाभ होते हैं.

पहला, एक तो ये आसानी से पच जाता है. साउथ इंडियन फूड खाना बॉडी में आसानी से डाइजेस्ट हो जाता है.

दूसरा, फर्मेंटेड फूड में बहुत ज्यादा न्यूट्रिशन पाया जाता है. ऐसा इसिलिए है क्योंकि फर्मेंटेशन के दौरान खाने का न्यूट्रिशन बढ़ जाता है. साथ ही इससे बॉडी में अच्छे बैक्टीरिया का प्रवेश होता है. न्यूट्रिशन लेवल बढ़ने से हमारे बॉडी में ज्यादा न्यूट्रिशन पहुंचता है.

तीसरा, फर्मेंटेड फूड को आंतों के लिए अच्छा माना जाता है. डायटीशियन कविता देवगन का कहना है कि नियमित रूप से साउथ इंडियन खाना खाने से पूरा शरीर स्वस्थ रहता है.

हांलाकि नॉर्थ इंडिया के ज्यादातार फूड आइटम्स फर्मेंटेड नहीं होते हैं. यहां के लोग रोटी और उबली दाल खाते हैं जिनमें फर्मेंटेड फूड जैसे फायदे नहीं होते हैं. साउथ इंडियन क्विजिन की खास बात सिर्फ फर्मेंटेशन नहीं हैं. फर्मेंटेड फूड को नारियल के तेल में पकाया जाता है जो इसकी खासियत को और बढ़ा देता है. 

कविता का कहना है कि स्वस्थ शरीर, अच्छी स्किन और अच्छे बाल साउथ इंडियन खाने की देन हैं. इसका न सिर्फ आंतरिक बल्कि बाहरी असर भी बॉडी पर दिखता है. इसके अलावा नारियल पानी पीना न भूलें. ये बॉडी में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बनाता है.

बेहत प्रोटीन का स्त्रोत

डायटीशियन शालिनी सिंघल ने भी बताया कि आखिर साउथ इंडियन खाना किस तरह अनिल कपूर के युवा दिखने का कारण है. साउथ इंडियन खाने के फायदे बताते हुए डायटीशियन ने कहा कि इनमें भरपूर प्रोबायोटिक पाया जाता है. खासतौर से इडली, डोसा और उत्पम में. फर्मेंटेशन पाचनशक्ति को बेहतर करता है, विटामिन बी को बढ़ाता है और इम्यून सिस्टम को अच्छा करता है.

डायटीशियन ने बताया कि इडली, डोसा, चावल-सांभर जैसे दक्षिण भारतीय भोजन में आम तौर पर अनाज और दालों के मिश्रण से बनाए जाते हैं, जो प्रोटीन को बढ़ाते हैं. अनाज और दाल दोनों में कम प्रोटीन पाए जाते हैं क्योंकि इनमें एमिनो एसिड कम होता है. पर इन दोनों को मिलाने पर बेहतर क्वालिटी का प्रोटीन बनता है.

रस्म और सांभर जैसे फूड आइटम में लो कैलोरी पाई जाती है क्योंकि इनमें ढेर सारी सब्जियां, दाल और दही मिले होते हैं. नारियल और शीशम के तेल में बना साउथ इंडियन खाना हार्ट के साथ पूरी बॉडी के लिए भी अच्छा माना जाता है. साउथ इंडियन फूड आइटम्स के साथ आमतौर पर छाछ लिया जाता है जो पेट को ठंडा करता है और इसमें प्रोबायोटिक्स, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम और विटामिन बी 12 भी पाया जाता है.

डॉक्टर सिंघल के अनुसार नारियल पानी, नारियल दूध, अनरिफाइंड नारियल तेल और ताजा कच्चा नारियल स्किन के लिए जादू का काम करेगा. साथ ही दही और छाछ स्किन को स्वस्थ बनाता है. इनके सब्जियों और मसालों में पाया जाने वाला एंटीऑक्सिडेंट बॉडी के लिए जरुरी है.

डायटीशियन अंकिता गुप्ता भी अनिल कपूर के डाइट से पूरी तरह सहमत हैं. उनका कहना है कि ज्यादातर साउथ इंडियन फूड फर्मेंटेड होते हैं जो खाने में बी12 विटामिन को बढ़ाते हैं. बी12 विटामिन के कई फायदे हैं.

स्किन को बेहतर करता है नारियल का तेल

नारियल के तेल के इस्तेमाल पर जोर देते हुए अंकिता गुप्ता ने बताया कि ज्यादातर दक्षिण भारतीय भोजन नारियल तेल में बनाए जाते हैं जो एमसीटी (मीडियम चेन ट्राइग्लिसराइड) का प्रमुख स्त्रोत होता है. ये बॉडी में आसानी से पच जाता है और इससे बाल और स्किन दोनों अच्छे होते हैं.

साउथ इंडियन खाने के लाभ बताते हुए वो कहती हैं कि ''एंटीबायोटिक दवाएं, क्लोरीनयुक्त पानी, प्रोसेस्ड फूड्स और बढ़ते तनाव हमारे अंदर से सभी अच्छे बैक्टीरिया को खत्म कर रहे हैं. इसलिए हमारे शरीर को ठीक रखने के लिए प्रोबायोटिक्स की बहुत जरूरत है जो फर्मेंटेड फूड जैसे इडली, दोसा और अप्पम से आसानी से मिल सकते हैं.'' स्वस्थ आंत= स्वस्थ मन+शरीर, जो चमकती हुई त्वचा में दिखाई देता है.

उनकी जानकारी के अनुसार, "फर्मेंटेशन विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स, विटामिन सी और खासतौर से विटामिन बी-12 को बढ़ाता है. इससे बॉडी के अनुकूल बैक्टीरिया भी पैदा होते हैं, जिससे इम्यून सिस्टम बढ़ता है.

डाइटीशियन ने बताया कि बीमारी के समय हमें डीप फ्राइड खाने से बचना चाहिए क्योंकि इससे बदहजमी की शिकायत हो सकती है.

Source - Aaj Tak 

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