गीता बाली 50 और 60 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा नाम थी. एक्ट्रेस ने उस समय के चॉकलेटी हीरो शम्मी कपूर से शादी की थी. दोनों की ऑनस्क्रीन बॉन्डिंग काफी शानदार थी और इसे उन्होंने ऑफ स्क्रीन भी शानदार बना दिया. दोनों की शादी का किस्सा बड़ा दिलचस्प है. मगर इसका अंत भी गीता बाली की मौत के साथ हो गया. गीता बाली ने महज 35 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. 21 जनवरी, 1965 को गीता का निधन हो गया. गीता बाली के यूं चले जाने के बाद शम्मी कपूर अंदर से टूट से गए थे. गीता बाली की डेथ एनिवर्सरी पर बता रहे हैं एक्ट्रेस की पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बारे में...
गीता से शम्मी की मुलाकात साल 1955 में फिल्म 'रंगीन रातें' की शूटिंग के दौरान हुई थी. इस फिल्म में शम्मी कपूर लीड रोल में थे लेकिन गीता का इस फिल्म में कैमियो था. इसी दौरान दोनों का प्यार परवान चढ़ा और इसके 4 महीने बाद दोनों ने मुंबई के बाणगंगा मंदिर में शादी कर ली. रिपोर्ट्स की मानें तो इसका जिक्र शम्मी कपूर ने अपने घर में नहीं किया था. इस शादी से कपल को दो बच्चे हुए. अपनी बेटी के जन्म के लगभग 4 साल बाद साल 1965 में गीता का देहांत हो गया. बताया जाता है कि अपनी पत्नी की मौत के बाद शम्मी कपूर काफी टूट गए थे और उन्होंने खाना पीना छोड़ दिया था. उनके बच्चे छोटे थे इसलिए उनके घरवालों ने उनपर शादी का दबाव बनाना शुरू कर दिया. उनके घरवाले चाहते थे कि वो नीला देवी से शादी करें. इस बात के लिए शम्मी कपूर बहुत मुश्किल से तैयार हुए और उन्होंने एक रात नीला देवी को फोन किया था.
शम्मी कपूर के देहांत के बाद एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में नीला देवी ने बताया कि हम दोनों ने रात को 2 बजे बात करनी शुरू की जो सुबह दिन निकलने तक चलती रही. उन्होंने मुझे गीता बाली, अपने बच्चों, अपनी अच्छी बातें और अपनी बुरी बातों के बारे में बताया.
नीला ने बताया कि शम्मी कपूर ने मुझे कहा कि हम बाणगंगा मंदिर में आधी रात को वैसे ही शादी करेंगे जैसे उन्होंने साल 1955 में गीता से की थी, लेकिन मैंने उन्हें कहा कि हम परिवार की मौजूदगी में शादी करेंगे. इसके बाद 27 जनवरी 1969 को दोनों ने शादी कर ली. खबरों के मुताबिक शम्मी ने नीला से शादी करने के लिए एक शर्त रखी थी जो काफी अजीब थी. उन्होंने नीला से कहा कि वो कभी मां नहीं बनेंगी और उनके बच्चों को ही अपने बच्चों की तरह पालेंगी. नीला ने उनकी बात मान ली और वो कभी मां नहीं बनीं.
देव आनंद के साथ भी अच्छी रही ऑनस्क्रीन बॉन्डिंग
इसके इतर प्रोफेशनल फ्रंट की बात करें तो एक्ट्रेस ने साल 1948 में सुहाग रात फिल्म में काम किया था. इस फिल्म में वे एक्टर भारत भूषण के अपोजिट नजर आई थीं. इसके बाद वे साल 1949 में दुलारी फिल्म में नजर आई थीं. फिल्म में उनके साथ मधुबाला ने भी काम किया था. सुराइया के साथ उन्होंने बड़ी बहन मूवी में काम किया था. यही नहीं साल 1950 में उन्होंने राज कपूर के साथ बावरे नैन मूवी में काम किया था. इसके अलावा उन्होंने देव आनंद के साथ भी कुछ फिल्मों में काम किया. देव आनंद के साथ उनकी बॉन्डिंग को काफी पसंद किया गया.
Source - Aaj Tak