12 Nov 2019

गब्बर के नाम से कांपता था जो रामगढ़, अब घूमने आते हैं वहां लोग


जब भी बॉलीवुड के सबसे बड़े विलेन्स के बारे में बात होगी तब शोले के गब्बर यानी अमजद खान का नाम जरूर लिया जाएगा. अमजद खान ने न सिर्फ गब्बर को अमर कर दिया बल्कि उनके काम के जरिए फिल्म शोले और इसके डायलॉग्स भी हमेशा-हमेशा के लिए अमर हो गए. शोले की पूरी शूटिंग कर्नाटक के बंगलुरु और मैसूर के बीच स्थित पहाड़ियों से घिरे 'रामनगरम' में हुई थी.





दक्षिण के 'रामनगरम' को डकैतों के आतंक से पीड़ित उत्तर भारत का एक गांव रामगढ़ की शक्ल दी गई. यहां लगभग दो साल से ज्यादा फिल्म की शूटिंग हुई. निर्माताओं ने रामगढ़ के रूप में एक पूरे गांव को बसाया. गांव तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क का निर्माण किया. वैसे ये गांव शोले से पहले भी था, लेकिन शोले के बाद ही लोगों के बीच इस गांव की पहचान हुई. बाद के कुछ सालों में ये पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी बना. जब फिल्म की शूटिंग खत्म हुई लोगों ने रामनगरम के एक हिस्से को 'सिप्पी नगर' का नाम देकर निर्माताओं का आभार जताया.



शोले फिल्म की शूटिंग 1973 से 1975 के बीच हुई थी. आज भी ठाकुर का गांव रामगढ़ और गब्बर के इलाके को देखने यहां बहुत संख्या में लोग पहुंचते हैं.


रामनगरम की पहाड़ियों में शोले की शूटिंग के लिए रामगढ़ नाम का एक गांव बसाया गया था. इसके लिए काफी सारे निर्माण और साजोसामान की प्रक्रिया पूरी की गई थी.


बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जब शोले फिल्म की शूटिंग खत्म हुई तब प्रोडेक्शन टीम ने गांव उजाड़ दिया. मुंबई लौटते वक्त जीपी सिप्पी चाहते थे कि रामगढ़ गांव बसाने के लिए जो कीमती सामान खरीदा गया था उसे स्थानीय सेठ पीवी नागराजन को एक लाख रुपये में बेंच दे. लेकिन बात नहीं बन पाई.


आखिरकार गांव के निर्माण में इस्तेमाल सारा सामान बांट दिया गया. कुछ सामान नीलाम कर दिया गया. और काफी सारा सामान फिल्म यूनिट के साथ काम कर रहे मजदूरों को दे दिया गया था.


ऐसा माना जाता है कि शोले भारत के इतिहास की अब तक की सबसे कामयाब फिल्म है.


Source - Aaj Tak 

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