22 Sept 2019

जब जेल में थे संजय दत्त तो उन्हें हर दिन मिलता था बाल ठाकरे का मैसेज- फिकर नहीं करनेका, मैं हूं इधर


संजय दत्त (Sanjay Dutt) का कहना है कि जब वे जेल में थे तो हर दिन उनके पास बाला साहब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) का मैसेज आता था। वे कहते था, "संजया को बोल फिकर नहीं करनेका, मैं हूं इधर।" दरअसल, 25 जनवरी को बाला साहब की लाइफ पर बनी फिल्म 'ठाकरे' (Thackeray) रिलीज हो रही है और उससे पहले 23 जनवरी को साहब का 93वां जन्मदिन मनाया जाएगा। इस मौके को खास बनाने के लिए एक स्पेशल टीवी शो 'Mancha Mujra' तैयार किया गया है। शो का एक प्रोमो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें संजय दत्त बाला साहब से जुड़ी अपनी यादें शेयर कर रहे हैं। पहली बार मां के मुंह से सुना था ठाकरे का नाम...
- संजय दत्त ने बताया कि उनकी मां और दिवंगत एक्ट्रेस नरगिस दत्त (Nargis Dutt) बाला साहब को भाई मानती थीं। 1993 के बम धमाकों में जब वे जेल गए, तब साहब उन्हें हर दिन मैसेज भेजते थे। गौरतलब है कि संजय को को 1993 के बम धमाकों के तहत संजय दत्त को गैरकानूनी रूप से हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। तब संजय के पिता सुनील दत्त(Sunil Dutt) ने ठाकरे से उनकी रिहाई के लिए मदद मांगी थी। संजय दत्त बताते हैं, "जब मां कैंसर के इलाज के लिए यूएस गईं तो उन्होंने हम तीनों (संजय दत्त और उनकी दो बहनों) को बुलाकर कहा- कभी कोई जरूरत पड़े तो मेरा एक भाई है बाला साहब ठाकरे, तुम उनके पास चले जाना।"

साहब असल शेर थे : संजय दत्त

- संजय दत्त ने आगे कहा, "जेल से छूटने के बाद मैं सिद्धि विनायक के दर्शन के लिए गया, तब मैं सीधे जाकर साहब से भी मिला। वे असल शेर थे। मुझे बहुत प्यार करते थे। वे पॉलिटिशियन थे, लेकिन उससे ज्यादा देशभक्त थे। अगर किसी को प्यार करते थे तो उसे खुलकर बोल देते थे। फिर चाहे वह इंसान बुरा हो या अच्छा। लेकिन जब उन्हें गुस्सा आता था तो उनसे बुरा कोई नहीं था।"

बाल ठाकरे का नाम सुन भड़क उठे थे संजय दत्त के पिता

- संजय दत्त के जेल जाने से पिता सुनील दत्त काफी परेशान थे और कैसे भी करके संजय की रिहाई कराना चाहते थे। खुद कांग्रेसी नेता होने के बावजूद दिल्ली में पार्टी से कोई भी मंत्री इस मामले में दखल नहीं दे रहा था। हताश होकर मुंबई लौटे सुनील दत्त, संजय को बचाने की पूरी आस खो चुके थे। तब उनके पास राजेंद्र कुमार पहुंचे। अपने दौर के मशहूर हीरो राजेंद्र कुमार, सुनील के खास दोस्त और समधि थे। राजेंद्र के बेटे कुमार गौरव ने सुनील की बेटी नम्रता से शादी की है। राजेंद्र कुमार ने सुनील को शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे के पास जाने की सलाह दी। क्योंकि ठाकरे ही उनकी मदद कर सकते थे। 
- बालासाहेब ठाकरे का नाम सुनकर सुनील भड़क गए। उन्होंने राजेंद्र कुमार पर चिल्लाते हुए सलाह को ठुकरा दिया। दो-चार दिन बाद दत्त साब ने राजेंद्र कुमार को फोन कर कहा कि वह तैयार हैं, लेकिन वह बालासाहेब से कैसे बात करेंगे। इस पर राजेंद्र कुमार ने कहा, "तुम्हें कुछ करने की जरूरत नहीं है। मैं खुद तुम्हें उनके पास लेकर जाऊंगा। बस तुम अपना आपा मत खोना।"

Source - Dainik Bharat 

Followers