मां-बाप का सबसे बड़ा सपना होता है अपने बच्चों को सफल देखने का, उन्हें अपने करियर की उंचाइयों पर देखने का, लेकिन हर मां-बाप इतने खुशनसीब नहीं होते। ज़िन्दगी के उतार चढ़ाव में वो अपने बच्चों को अच्छी परवरिश और लक्ष्य की तरफ बढ़ने में उनका साथ तो देते हैं मगर हालात कभी-कभी इतने बुरे हो जाते हैं कि जब उनका बच्चा अपनी मंज़िल पा लेता है तो वो उस ख़ास दिन उनके साथ नहीं रह पाते। ऐसे ही सेलेब्रिटीज़ पर ये रिपोर्ट, जो अपने बच्चों को स्टार बनते नहीं देख सके।
बॉलीवुड में अपना नाम कमाने के लिए बहुत स्ट्रगल करना पड़ता है अब वो भले स्टार किड हो या फिर आम चेहरा। और इस स्ट्रगल में हर मां-बाप अपने बच्चों का पूरा साथ देते हैं मगर, इंडस्ट्री में बहुत से ऐसे स्टार्स हैं जिनके पेरेंट्स ने उन्हें 'स्टार' बनते नहीं देखा। ये वो एक्टर्स हैं जिन्होंने अपनी डेब्यू फ़िल्म से पहले ही अपने मां या पिता को खो दिया।
जाह्नवी कपूर
श्रीदेवी के अकस्मात निधन से हर कोई अब भी सदमे में हैं। आपको बता दें कि श्रीदेवी ने अपनी बेटी जाह्नवी के बॉलीवुड डेब्यू के लिए खूब मेहनत की थी। कई स्क्रिप्ट्स पढ़ीं और बहुत ही सोच समझ कर जाह्नवी को करण जौहर की फ़िल्म 'धड़क' साइन करवाई। श्रीदेवी ने इस फ़िल्म के लिए जाह्नवी को हर तरीके से तैयार किया। उनके लुक्स, डांसिंग स्किल्स और अभिनय पर श्रीदेवी खुद बहुत ध्यान दे रही थीं। लेकिन, कहते हैं न कि किस्मत में जो लिखा होता है वही होता है। शायद अपनी बेटी का यह डेब्यू देखना उनकी किस्मत में नहीं था। फ़िल्म 'धड़क' इस साल 20 जुलाई को रिलीज़ हुई थी जिसमें जाह्नवी की एक्टिंग को खूब सराहा गया। यही नहीं हाल ही में जाह्नवी ने अपनी दूसरी फ़िल्म 'तख़्त' भी साइन कर ली है जिसमें वो रणवीर सिंह, करीना कपूर, आलिया भट्ट जैसे बेहतरीन एक्टर्स के साथ स्क्रीन शेयर करती नज़र आएंगी।
अर्जुन कपूर
श्रीदेवी के पति बोनी कपूर की पहली पत्नी मोना के बेटे अर्जुन कपूर के साथ भी ऐसा ही हुआ। अर्जुन की पहली फ़िल्म 'इश्क़ज़ादे' की रिलीज़ से कुछ दिनों पहले ही मोना का निधन हो गया था। अर्जुन अपनी मां के बेहद करीब थे और उनके इस डेब्यू को लेकर उनकी मां काफी एक्साइटेड थीं। मोना को कैंसर था और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर की वजह से उन्होंने 25 मार्च 2012 को अपनी अंतिम सांस लीं। 'इश्क़ज़ादे' 11 मई 2012 को रिलीज़ हुई थी।
शाह रुख़ ख़ान
बॉलीवुड के किंग ख़ान शाह रुख़ के साथ भी यही हुआ था। SRK अपनी मां के लाडले थे और टीवी शोज़ 'फौजी' और 'सर्कस' से निकलकर फ़िल्मों में कदम रखने का उनका स्ट्रगल चल ही रहा था कि साल 1991 में उनकी मां का देहांत हो गया। शाह रुख़ की मां लतीफ़ फातिमा डायबटीज़ की शिकार थीं और इनके पिता मीर ताज मोहम्मद ख़ान का देहांत तो उससे भी पहले साल 1981 में कैंसर से लड़ते हुए हुआ था। अपनी मां के देहांत के बाद शाह रुख़ ने साल 1992 में बॉलीवुड में कदम रखा, इस साल इनकी तीन फ़िल्में रिलीज़ हुई, 'दीवाना', 'चमत्कार' और 'दिल आशना है'।
संजय दत्त ने भले ही चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर फ़िल्म 'रेशमा और शेरा' में काम किया था मगर, जब मौका आया लीड एक्टर के तौर पर बॉलीवुड में डेब्यू करने का तो उनकी मां नर्गिस उनके साथ नहीं थीं। आपको बता दें कि संजय की फ़िल्म 'रॉकी' 8 मई 1981 को रिलीज़ हुई थी जिसके ठीक पांच दिन पहले 3 मई उनकी मां नर्गिस ने कैंसर से लड़ते हुए दम तोड़ा था। बतातें चलें कि 7 मई को जब 'रॉकी' की स्क्रीनिंग हुई थी तब नर्गिस की कुर्सी को खाली छोड़ा गया था। यह दृश्य राजकुमार हिरानी ने हाल ही में रिलीज़ हुई संजय दत्त की बायोपिक 'संजू' में भी दिखाया था।
सुशांत सिंह राजपूत
सुशांत सिंह राजपूत की मां साल 2002 में उन्हें छोड़ कर चली गई थी, उस समय सुशांत अपने एक्टिंग करियर में स्ट्रगल कर रहे थे और फ़िल्मों में बैकग्राउंड डांसर के तौर पर काम कर रहे थे। जब उनकी मां का निधन हुआ तब सुशांत पूरी तरह से टूट गए थे। सुशांत के करियर की शुरुआत हुई साल 2008 में शो 'किस देश में है मेरा दिल' से और उन्हें पहचान मिली शो 'पवित्र रिश्ता' से। सुशांत ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत की साल 2013 में फ़िल्म 'काई पो छे' से। सुशांत अक्सर अपनी मां को याद करते हुए सोशल मीडिया पर कुछ लाइन्स लिखकर पोस्ट करते रहते हैं।
Source - Jagran