1972 से लेकर 1974 तक, भारत की नैशनल स्विमिंग चैम्पियन की तरफ सभी की नज़रें उठने लगी थी. 15 साल की एक सुन्दर सी लड़की सबका ध्यान खींच रही थी. 1976 में मिस इंडिया बनी. मिस इंटरनेशनल में तीसरी पोजिशन पर रही. जब ताज चाय ने उसके साथ एक एड किया, तब तो लोग दीवाने ही हो गए. उस एड में कुछ ख़ास नहीं था. बस स्विमिंग पूल में गोता लगाना था, बाहर आना था, और कहना था, आह ताज. फिर चाय पीनी थी.
नफ़ीसा अली का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ जहां उन्हें हर तरह का सपोर्ट मिला. जब स्विमिंग शुरू की तो पापा उन्हें प्रैक्टिस के लिए छोड़ने जाते थे. उनके साथ रहते थे वहां, और फिर साथ लेकर वापस आते थे. अनिल दासगुप्ता उनके कोच थे. इतने कम्पटीशन जीते थे नफ़ीसा ने स्विमिंग में कि उनको सिजलिंग वाटर बेबी कहा जाने लगा था.
मौका मिला फिल्म इंडस्ट्री में ‘जुनून’ फिल्म से. अंग्रेज लड़की का किरदार निभाया था इसमें उन्होंने. इस फिल्म ने नेशनल अवार्ड भी जीते थे. हालांकि इसके बाद भी उन्होंने फिल्मों में अपना काम जारी नहीं रखा. शादी करने का ऑप्शन चुना. ऑप्शन भी ऐसा, कि सभी को चुभ गया.
नफ़ीसा ने चुना कर्नल रविंदर सिंह ‘पिकल्स’ सोढ़ी को. पोलो प्लेयर. अर्जुन अवार्ड से सम्मानित. उम्र में उनसे 14 साल बड़े. सिख. नफ़ीसा पली बढ़ीं थीं मुस्लिम घर में, लेकिन वेदांत को मानती रहीं. तीन बच्चे हुए. अरमाना. पिया. और अजीत अहमद.
बेटा अजीत फिल्मों में डेब्यू करना चाता था. जे पी दत्ता ने अपनी बेटी निधि दत्ता को लांच करने के लिए फिल्म बनाने की बात की थी. फिल्म का नाम जी भर के जी ले रखा गया था. उससे ही अजीत भी लांच होते. लेकिन फिल्म की बात आगे बढ़ नहीं पाई.
नफ़ीसा की खूबसूरती के चर्चे हर जगह थे. लेकिन जब उनसे पूछा शायोनी चक्रबोर्ती ने, कि क्या वो अपने लुक्स को लेकर कभी कॉन्शियस रहीं? द टेलीग्राफ के लिए दिए जा रहे इस इंटरव्यू में नफ़ीसा ने बताया, कि उनकी बहनें हमेशा उनसे कहती थीं, ‘तुम तो कचरे के डिब्बे से मिली हो’. नफ़ीसा ने ये भी बताया कि मिस इंडिया जीतने के बाद भी फटी हुई टीशर्ट पहन कर घूमती रहती थीं वो. मिस इंटरनेशनल के दौरान बालों में तेल डाल कर जूड़ा बना लेती थीं. इस तरह उनकी बहनों ने उनको ज़मीन से जोड़े रखा. बताया, तब से लेकर अब तक, मेकअप नहीं करती वो, तैयार नहीं होतीं.
शादी के बाद खुद से वादा किया था, कि जब तक उनका सबसे छोटा बेटा पांच साल का नहीं हो जाता, तब तक वो कुछ नहीं करेंगी. अब उनके बच्चे बड़े हो गए हैं. उनके खुद के बच्चे हो गए हैं. हाल में ही उनकी दूसरी बेटी पिया की शादी हुई थी. अब उनकी ड्यू डेट जून 2019 में है. नफ़ीसा अपने होने वाले नवासे/नवासी के इंतज़ार में हैं. लेकिन सब कुछ खूबसूरत नहीं है इस वक़्त.
स्टेज थ्री के ओवेरियन कैंसर से जूझ रही हैं नफ़ीसा. खुद सोशल मीडिया पर उन्होंने ये जानकारी साझा की और बताया कि इस मोमेंट में वो अपने परिवार के सपोर्ट की वजह से खड़ी हो पाई हैं.
कांग्रेस की करीबी रही हैं. बीच में समाजवादी पार्टी से भी टिकट मिला था. लेकिन वापस कांग्रेस से जुड़ गईं. 2005 में चिल्ड्रेन्स फिल्म सोसायटी ऑफ इंडिया की चेयर पर्सन भी रहीं. सोनिया गांधी को करीबी दोस्त मानती हैं. सोशल एक्टिविस्ट हैं. एड्स के मरीजों के लिए काफी काम किया है. टीबी के मरीजों के लिए भी काफी काम किया. फंड की दिक्कत आई तो काम रोकना पड़ा.
1998 में मेजर साब, 2007 में लाइफ इन अ मेट्रो, 2010 में गुज़ारिश, 2011 में यमला पगला दीवाना. उनकी फिल्मों की लिस्ट छोटी ही रही, लेकिन उनका चेहरा लोगों के दिलों में बस गया है. 2018 में अब तक की रिलीज उनकी लेटेस्ट पिक्चर का नाम साहिब बीवी और गैंग्स्टर 3 था. इसमें उन्होंने राजमाता यशोधरा का किरदार निभाया. चलते-चलते आपको बता दें, संजय दत्त की पैदाइश 1959 की है, नफ़ीसा की 1957 की. फिल्म में नफ़ीसा को संजय दत्त के किरदार की मां का रोल दिया गया था.
Source - Odd Nari