5 Dec 2019

'बाबू जी ज़रा धीरे चलो' फेम याना गुप्ता आज कल कहां हैं?



याना सिंकोवा नाम की एक लड़की थी चेक रिपब्लिक में. 16 साल की उम्र में मॉडलिंग शुरू की. दुनिया की सबसे फैशनेबल मानी जानी वाली जगहों पर मशहूर लग्ज़री ब्रांड्स के लिए मॉडलिंग की. टॉप मॉडल. दुनिया देखना चाहती थी. बैगपैकर थी. इसी चक्कर में इंडिया पहुंच गई. यहां उसे स्पिरिचुएलिटी ने आकर्षित किया. ओशो आश्रम पुणे में रहने लगी. वहां से निकली और बॉलीवुड फिल्म हीरोइन बन गई. उसके बॉलीवुड आइटम नंबर्स हिट हो गए. हर दूसरा डायरेक्टर एक गाने के लिए उसे अपनी फिल्म में लेना चाहता था. फिर एक दिन गाने आने खत्म हो गए. लड़की गायब हो गई. दुनिया की नज़रों से. अब जब, कहां गए वो लोग वाली बात निकलती है, तो इनका ज़िक्र आ जाता है. वैसे ही आज ‘बाबूजी ज़रा धीरे चलो’ फेम याना गुप्ता की याद आ गई. क्या है इनकी कहानी, शुरू से जानते हैं.

बोलो आज़ादी!

याना उस साल में उस तारीख को पैदा हुई थीं, जो आपको आधे घंटे बाद याद नहीं रहेगी. इसलिए थोड़ा आगे से लेते हैं. जब बच्ची थीं, तभी माता-पिता का तलाक हो गया था. इनकी एक बहन भी हैं. याना जब थोड़ी बड़ी हुईं, तब उनके सिर आज़ादी का फितूर चढ़ गया. वो चेक में लोकल अखबार और एडवरटाइजिंग एजेंसियों के लिए मॉडलिंग करने लगीं. आर्किटेक्चर एंड गार्डनिंग में ग्रैजुएशन करने के बाद इंटरनेशनल मॉडलिंग सीन में एक्टिव हो गईं. उन्हें दुनिया देखने से ज़्यादा चेक रिपब्लिक से निकलना था. तो वहां से निकलकर जापान चली गईं. इसके बाद मिलान, हैंबर्ग, पेरिस, म्युनिक, विएना और प्राग जैसी जगहों पर मॉडलिंग की. इस दौरान वो केल्विन क्लेन से लेकर विक्टोरियाज़ सीक्रेट, गूची, नीविया, टोयोटा, होंडा और सोनी जैसे वर्ल्ड क्लास ब्रांड्स के साथ जुड़ी रहीं.

इंडिया-अध्यात्म-शादी

ऊपर बताया न कि बैगबैकर थीं. तो मॉडलिंग से ब्रेक लिया और धूमने-फिरने की नीयत से इंडिया आ गईं. यहां उनकी रुचि अध्यात्म में जागी. वो पुणे के ओशो आश्रम में रहने लगीं. यहां कुछ समय गुज़ारने के बाद उनकी मुलाकात सत्यकाम गुप्ता से हुई. सत्यकाम लोकल आर्टिस्ट थे. पेंटिंग करते थे. और ओशो आश्रम के साथ पिछले काफी सालों से जुड़े हुए थे. द टेलीग्राफ को दिए एक इंटरव्यू में याना बताती हैं कि वो सत्यकाम की पर्सनैलिटी से पहली मुलाकात में ही बहुत इंप्रेस हो गई थीं. इनका प्यार परवान चढ़ा और दोनों ने शादी कर ली. यहां से याना सिंकोवा बन गई याना गुप्ता. लेकिन उनके लिए वर्ल्ड की टॉप मॉडल से इंडियन वाइफ वाला ट्रांसफॉर्मेशन काफी मुश्किल था. वो थोड़े ही दिनों में मॉडलिंग को मिस करने लगीं. किसी में दूसरे देश में जाकर काम करने से उनकी शादी में प्रॉब्लम आती. इसलिए याना ने इंडिया में मॉडलिंग शुरू कर दी. ये साल 2001 था.

सबसे बड़े फैशन ब्रांड से धाक की शुरुआत

याना इंडिया में शुरू करने के अगले 6 महीनों में मॉडलिंग सर्किट में गज़ब की पॉपुलर हो गईं. उन्होंने रोहित बल, रीना ढाका, सुनील मेहरा और रॉकी एस जैसे फैशन डिज़ाइनर्स के लिए मॉडलिंग की. उनकी बढ़ती पॉपुलैरिटी को देखते हुए इंडिया की सबसे बड़ी फैशन ब्रांड लैक्मे ने फेमस मॉडल और एक्ट्रेस (कसूर) लीज़ा रे को हटा दिया. और 2002 में याना के साथ तीन साल का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया. इसके अलावा वो इंडिया में लिम्का और एमटीवी से भी जुड़ी हुई थीं. इंडियन मार्केट में उनकी धाक बढ़ने लगी. फिल्मों के ऑफर आने लगे. उन्होंने ‘मनमदन’, ‘घर्षाणा’ और ‘अन्नियन’ जैसी कुछ तमिल फिल्मों में गेस्ट रोल में किए. लेकिन हिंदी फिल्मों में उन्हें सिर्फ आइटम नंबर ही नसीब हुआ. इसकी शुरुआत हुई 2002 में.

बाबू जी ज़रा धीरे चलो

‘शूल’ (1999) वाले ईश्वर निवास एक नई फिल्म बना रहे थे. तमिल फिल्म ‘ढिल’ की हिंदी रीमेक ‘दम’. ‘शूल’ में शिल्पा शेट्टी से ‘यूपी-बिहार’ लूटवाने के बाद वो इस फिल्म के लिए भी एक धाकड़ आइटम नंबर चाहते थे. उनकी फिल्म में विवेक ओबेरॉय, दिया मिर्ज़ा और अतुल कुलकर्णी जैसे कलाकार काम कर रहे थे. वो आइटम नंबर के लिए भी किसी स्टार को ही चाहते थे. ‘अजनबी’ और ‘राज़’ जैसी फिल्मों में तापमान की ऐसी-तैसी फेरने वाली बिपाशा बासु को अप्रोच किया गया. बिपाशा भी मॉडलिंग की ही दुनिया से होकर फिल्मों में आई थीं. और अच्छा कर रही थीं. इसीलिए व्यस्त थी. उनके पास ‘दम’ में गाना करने के लिए समय नहीं था. उन्होंने कुछ दिन बाद के डेट्स दिए लेकिन फिल्ममेकर्स को जल्दी थी. याना की लोकप्रियता भुनाने लिए मेकर्स ने ‘दम’ के लिए उन्हें साइन कर लिया. दिक्कत ये थी कि ये गाना काफी रस्टिक फील वाला था. इसमें इतनी गोरी लड़की नहीं चाहिए थी. याना को मेकअप लगाकर टैन किया जाता, फिर शूटिंग होती. इस गाने को पांच दिन में शूट किया गया था. गाना था ‘बाबू जी ज़रा धीरे चलो’. यहां देखिए:



Source - The Lallan Top 

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